रिपोर्ट- रवीन्द्र त्रिपाठी
फतेहपुर। उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग जनपद फतेहपुर के तत्वाधान में राष्ट्रीय कृषि योजनान्तर्गत दो दिवसीय कृषक गोष्ठी एवं सेमिनार का मुख्य अतिथि साध्वी निरंजन ज्योति, केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री, भारत सरकार ने कार्यक्रम का दीप प्रज्वलित कर उद्घाटन किया. कृषक गोष्ठी में लगे स्टालों का अवलोकन किया. उन्होंने कहा कि स्ट्रॉबेरी का बांदा बुंदेलखंड में किया जा सकता है वह कम जगह में अधिक उत्पादन किया जा सकता है उन्होंने कहा कि जैविक खाद हमारे खेतों की रक्षा करती है व इसके प्रयोग से जमीन को मजबूत किया जा सकता है, गोबर के प्रयोग से खेतों में नमी अधिक समय तक रहती है तथा जैविक खाद बनाने के विभिन्न तरीके बताएं कहा कि जैविक खाद रासायनिक खाद से सस्ता होती है रासायनिक खाद का उपयोग न करें और गोबर आधारित खाद का प्रयोग करें, कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ आर0 के0 सिंह ने समग्र विधियों के बारे में विस्तार से बताया. डॉक्टर संजीव शर्मा ने आलू की फसल में चेचक की समस्या पर कृषको के उत्तर देते हुए बताया कि आलू की बुवाई से पहले बीज शोधन, Bildamine 05 kg प्रत्ति हेक्टेयर बुवाई से पूर्व एवं कैल्शियम कार्बोनेट 30 किलोग्राम प्रत्ति हेक्टेयर बुवाई से पूर्व शोधन करे, चेचक रोग नही लगेगा. इसी क्रम में केंद्र के वैज्ञानिक डॉ नौशाद आलम ने बताया कि धरती की उपजाऊ शक्ति को बढ़ाने के लिए जैविक खाद को उत्तम बताया. खाद बनाकर प्रयोग से खेती की लागत में कमी के साथ फसलों को अधिक समय तक सुरक्षित एवं रख सकते हैं. वैज्ञानिक डॉ साधना ने कृषकों को फल एवं सब्जी संरक्षण के विषय पर विस्तार से बताते हुए कहा कि लहसुन, प्याज व टमाटर के पाउडर पर बनाने पर जोर दिया. कार्यक्रम सहायक अलका कटियार ने मशरूम उत्पादन के बारे में कृषकों को विस्तार से बताते मशरूम वह प्रजाति है जिसको कृषक/कृषक महिलाएं आसानी से अपने घरों व खेतों पर उगा सकते है. शिव प्रताप ने कृषको को ग्रीन हाउस शेडनेट हाउस में तैयार सब्जी वर्गी तैयार पौधों के बारे में बताया, रितेश वर्मा बडौदा स्वरोजगार विकास संस्थान ने कृषकों को बड़ी ही उपयोगी बातें बताई मुख्य रूप से नवयुवकों के स्वरोजगार के विभिन्न प्रशिक्षणों के बारे में लोन संबंधी जानकारी दी. कार्यक्रम का संचालन करते हुए शब्बीर हुसैन उद्यान प्रभारी ने कृषकों को सब्जी उत्पादन प्रसंस्करण की फसलों पर विस्तार से बताया पशुपालन. डॉ अंशु पांडे ने कृषकों को कृषक महिलाओं को प्रभावित गोकुल मिशन के अंतर्गत निशुल्क कृत्रिम गर्भाधान पशु आदि के बारे में तथा सुकर पालन को आबादी से दूर अथवा उसकी जगह अन्य पशुपालन कर अपनी आय को बढ़ा सकते हैं जई और अचानक बीमारी से बचाव किया जा सकता है. केंद्र के वैज्ञानिक डॉक्टर देवेंद्र स्वरूप ने महिलाओं को दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में बढ़ावा देने के लिए हरे चारे के महत्व को बताते हुए बरसीन, नैपियर घास, जई आदि से संतुलित आहार से अधिक उत्तम क्वालिटी का दूध उत्पादन किया जा सकता है. सी0आई0एस0 एच खेड़ा लखनऊ से डॉ मनोज सोनी ने सघन बागवानी में कुछ कम स्थान में अधिक पैदावार लेने का तरीका व सिंचाई के लिए ड्रिप व स्प्रिंकलर के प्रयोग से जल बचाओ वाला कम किया जा सकता है एवं पार्टीशन से सरल विधि द्वारा रासायनिक खादों का प्रयोग करना जिससे पौधों की पैदावार अच्छा हो, उच्च कोटि के सीडलिंग टमाटर शिमला मिर्च रंगीन पार्थिनोकर्पिक, खीरा, ब्रोकली का प्रो0 ट्रेए में किया जाता है जिसमे कम खर्च आता है.